कैसे कह दूँ इंकार तुम्ही से है
कैसे कह दूँ, इंकार तुम्ही से है
कैसे कह दूँ, प्यार तुम्ही से है
दोहरा बर्ताव फितरत में नहीं
कैसे कह दूँ,इजहार तुम्ही से है
लड़ना सीखा ही नहीं कभी
कैसे कह दूँ,तकरार तुम्ही से है
बिखरा पड़ा है चमन दिल का
कैसे कह दूँ, बहार तुम्ही से है
चेहरा बहुत मुरझाया हुआ है
कैसे कह दूँ,निखार तुम्ही से है
लूटना चाहते हो लुटो जी भर
कैसे कह दूँ, विचार तुम्ही से है
जिंदगी में गरमाहट लग रही है
कैसे कह दूँ, तुषार तुम्ही से है
ये मदहोशी आम बात मेरे लिए
कैसे कह दूँ, खुमार तुम्ही से है
? रवि कुमार सैनी ‘राही’