कैसे कहूँ दिल की बातें
कैसे कहूँ दिल की बातें
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कैसे कहूँ दिल के बातें,
कटती नहीं लंबी रातें।
आती रहें उनकी यादें,
मिलती नहीं हैँ सौगातें।
तेरी नजर का था जादू,
गानें सदा रहते थे गाते।
सपने सदा देखे तुम्हारे,
हँसते कभी तो रूलाते।
आ बैठ सुनाऊँ दास्तां,
तेरे बिना ना जी पाते।
नामोनिशां दिल में मेरे,
तेरे सिवा ना रिश्ते नाते।
देखो जरा यूँ मनसीरत,
राहें वही हम अपनाते।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)