कैसे करूँ मैं तुमसे प्यार
कैसे करुँ मैं तुमसे प्यार, वह प्यार अब मुझमें नहीं।
चाहता हूँ जैसा तुमसे प्यार, वह प्यार अब तुझमें नहीं।।
कैसे करुँ मैं तुमसे प्यार—————।।
बना दिया है दिल मेरा, बदनाम उनके प्यार ने।
मिटा दिया विश्वास मेरा, हुस्नों की उस बहार ने।।
तुम निभावोगे साथ मेरा, आसार यह अब तुझमें नहीं।
कैसे करुँ मैं तुमसे प्यार—————–।।
वह जोश अब मुझमें नहीं, फूलों से मैं तुमको सजाऊँ।
बैठा रहूँ मैं तुम्हारे पास, तुम्हारे दिल को मैं बहलाऊँ।।
तुम करोगे दुःख मेरा कम, वह शर्म अब तुझमें नहीं।
कैसे करुँ मैं तुमसे प्यार——————।।
जैसा चाहा वह नहीं मिला, बेदर्द निकला हरकोई।
समझा मेरे दिल को खिलौना, मुझसे खेला हरकोई।।
आबाद मुझको तू कर सके, वह वफ़ा अब तुझमें नहीं।कैसे करुँ मैं तुमसे प्यार——————-।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)