कैसी है ये पीर पराई
सूनी सांझ,सूना है मन,सूनी है दिल की गहराई
सूने मन को कुछ ना भाए,भाए दिल को तन्हाई
खोया है क्या समझ ना आए बस दिल घबराए
रोना चाहें अश्रु ना आएं कैसी है ये पीर पराई
ं
सूनी सांझ,सूना है मन,सूनी है दिल की गहराई
सूने मन को कुछ ना भाए,भाए दिल को तन्हाई
खोया है क्या समझ ना आए बस दिल घबराए
रोना चाहें अश्रु ना आएं कैसी है ये पीर पराई
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