कैसी फितरत इंसान की
आज देखी इंसां में कैसी ये ज़हालत है
इनकी कौमे इंसां से आज क्यूँ बग़ावत है
खून ये बहाते हैं ख़ौफ़ न करें रब का
एक दूसरे का क्यूँ करते ये खिलाफ़त है
आज देखी इंसां में कैसी ये ज़हालत है
इनकी कौमे इंसां से आज क्यूँ बग़ावत है
खून ये बहाते हैं ख़ौफ़ न करें रब का
एक दूसरे का क्यूँ करते ये खिलाफ़त है