Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Apr 2023 · 1 min read

कैसी पूजा फिर कैसी इबादत आपकी

परमूल्यांकन की न हो
किसी से कभी अपेक्षा ।
स्वयं को पहचानने की हो
जो दृष्टि आपकी ।।

रिक्त न हो मन जब
तेरा विषयों से ।
कैसी पूजा फिर कैसी
इबादत आपकी ॥

सम्बन्धों में कभी न हो
कलह, कलुषता ।
कर्तव्यों के प्रति हो जो
निष्ठा आपकी ।।

जीवन यात्रा में सन्तुष्टि
संभव हो ।
फिर सबकी प्रसन्नता में हो
जो प्रसन्नता आपकी ।।

परनिंदा कभी किसी की
कर न पाओ।
अपने दोषों पर भी हो
जो दृष्टि आपकी ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

9 Likes · 475 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr fauzia Naseem shad
View all
You may also like:
दोहा __
दोहा __
Neelofar Khan
मन को समझाने
मन को समझाने
sushil sarna
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
कविता: मेरी अभिलाषा- उपवन बनना चाहता हूं।
Rajesh Kumar Arjun
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
सितारों से सजी संवरी इक आशियाना खरीदा है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
2
2
*प्रणय*
नमन उस वीर को शत-शत...
नमन उस वीर को शत-शत...
डॉ.सीमा अग्रवाल
New Love
New Love
Vedha Singh
प्रेरणा - एक विचार
प्रेरणा - एक विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
एक लम्हा
एक लम्हा
Dr fauzia Naseem shad
युद्ध
युद्ध
Shashi Mahajan
4745.*पूर्णिका*
4745.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
ग़ज़ल - संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
बेहिचक बिना नजरे झुकाए वही बात कर सकता है जो निर्दोष है अक्स
Rj Anand Prajapati
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
यह शोर, यह घनघोर नाद ना रुकेगा,
Kalamkash
First impression is personality,
First impression is personality,
Mahender Singh
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
वो ही तो यहाँ बदनाम प्यार को करते हैं
gurudeenverma198
कुदरत के रंग.....एक सच
कुदरत के रंग.....एक सच
Neeraj Agarwal
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था......
बेशक प्यार उनसे बेपनाह था......
रुचि शर्मा
"आशिकी"
Dr. Kishan tandon kranti
लो फिर गर्मी लौट आई है
लो फिर गर्मी लौट आई है
VINOD CHAUHAN
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
अपनी इबादत पर गुरूर मत करना.......
shabina. Naaz
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Mahendra Narayan
चुनना किसी एक को
चुनना किसी एक को
Mangilal 713
मुझे लगता था —
मुझे लगता था —
SURYA PRAKASH SHARMA
* प्रेम पथ पर *
* प्रेम पथ पर *
surenderpal vaidya
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
जो बरसे न जमकर, वो सावन कैसा
Suryakant Dwivedi
एक मै था
एक मै था
Ashwini sharma
पापा गये कहाँ तुम ?
पापा गये कहाँ तुम ?
Surya Barman
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
सब डरें इंसाफ से अब, कौन सच्चाई कहेगा।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
कौन यहाँ पढ़ने वाला है
Shweta Soni
Loading...