सत्य की खोज
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
*रात से दोस्ती* ( 9 of 25)
कृत्रिम बुद्धिमत्ता (ARTIFICIAL INTELLIGENCE)
डॉ. राकेशगुप्त की साधारणीकरण सम्बन्धी मान्यताओं के आलोक में आत्मीयकरण
जो गुज़रती नहीं कभी दिल से,
वफ़ा की परछाईं मेरे दिल में सदा रहेंगी,
कलयुग और रावण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
गीत- जब-जब पाप बढ़े दुनिया में...
कटी गर्दन तलवार के तेज धार से अनुराग के हत्यारे को फांसी दो फांसी दो।
चांद पर पहुंचे बधाई,ये बताओ तो।
चुपचाप यूँ ही न सुनती रहो,
कुछ काम करो , कुछ काम करो
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
तेरी इबादत करूँ, कि शिकायत करूँ
एक रचयिता सृष्टि का , इक ही सिरजनहार