कैसा श्रमिक दिवस!!!!
मजदूर वह नहीं जो कुल्हाड़ी चलाएं
मजदूर वह नहीं जो बोझा उठाएं
मजदूर वह नहीं जो रिक्शा चलाएं
मजदूर,,, सभी तो मजदूर है
जो अपने परिवार के लिए
अपने बच्चों के पेट पालने के लिए कमाएं
मेहनत कर पसीना बहाएं
चाहे वह एक डॉक्टर हो
या फिर पुलिस वाला
दुकानदार हो या बैंक का मैनेजर
फैक्ट्री का मालिक हो
श्रम सबको करनी पड़ती है
पसीना सबको बहाना पड़ता है
जीवन को आगे बढ़ाना पड़ता है
फिर श्रमिक दिवस की कैसी बधाई!!
इंसान मेहनत कर आगे बढ़ता है।
हर एक को अपने अनुसार
कार्य करना पड़ता है।।
-सीमा गुप्ता, अलवर