— कैसा बुजुर्ग —
कलियुग का समां
सब से खराब
बुजुर्ग तक की इज्जत
कर रहे युवा बर्बाद !!
न घर में इज्जत
न घर से बाहर
कुछ कहने का
धर्मं हुआ बेकार !!
मुंह फट युवा की
भाषा तक बेकार
हाथ तक उठाने
को युवा है तैयार !!
कितने बड़े हैं
कोई नहीं मानता
अब उस जवानी के
आगे बुजुर्ग बर्बाद !!
सुनो बुजुर्गो मेरी बात
अपनी इज्जत बस अपने हाथ
मत उलझो जमाना है खराब
बाँध लो पल्लू में यह बात !!
अभी तक तो यही हुआ
आगे जमाना आयेगा और खराब
घर की चौखट में बैठकर
सामने सामने पिएंगे शराब !!
अजीत कुमार तलवार
मेरठ