कैमरे को उधर भी घुमाया करो
यूँ चकाचौंध में खो न जाया करो
तुम हो स्तम्भ ना लड़खड़ाया करो
शौक से लीडरों के कसीदे पढ़ो
किंतु कदमों में न लेट जाया करो
लोग सड़कों पे उतरे जहाँ भी कहीं
कैमरे को उधर भी घुमाया करो
तुम प्रजातंत्र के मुख्य आधार हो
उठती आवाजों को मत दबाया करो
माफ इतिहास वरना करेगा नहीं
फर्ज शिद्दत से अपना निभाया करो
सच कहा है ये ‘संजय’ ने समझो जरा
बात को यूँ न दिल से लगाया करो