कैद
हम सुनते आराम को, रहते सदा हराम
ठप्प हुए सब गात अब, करें मशीनें काम
करें मशीनें काम, मशीनी बनता खाना
पैदल चलना बंद, यंत्र से आना-जाना
देखो अब हर ‘बाल’, खेलता दिखता है कम
सिमटा कर मैदान, रोग के कैदी हैं हम
हम सुनते आराम को, रहते सदा हराम
ठप्प हुए सब गात अब, करें मशीनें काम
करें मशीनें काम, मशीनी बनता खाना
पैदल चलना बंद, यंत्र से आना-जाना
देखो अब हर ‘बाल’, खेलता दिखता है कम
सिमटा कर मैदान, रोग के कैदी हैं हम