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25 Apr 2020 · 1 min read

कैंसे सह जाते है लोग

कम शब्दों में ऊंची बातें ,
कैंसे कह जाते है लोग ।
गुमसुम होकर दर्दे गम को ,
कैंसे सह जाते हैं लोग ।
अफवाहों के बहते दरिये ,
यूं दमदार नहीं होते ।
सोच समझ वाले भी जाने ,
कैंसे बह जाते हैं लोग ।
इस दुनिया में आने वाले ,
को इक दिन तो जाना है ।
मौत के मुंह में जाते जाते ,
कैंसे रह जाते हैं लोग ।
बहुत समय तक के रियाज़ ,
से कला पकड़ में आती है ।
चंद दिनों में उसको लेकिन ,
कैंसे गह जाते है लोग ।
– सतीश शर्मा ।

2 Likes · 2 Comments · 203 Views
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