के जिसको इश्क़ हो जाए भला कैसे वो सोएगा
के जिसको इश्क़ हो जाए भला कैसे वो सोएगा
कभी छुप छुप के रोएगा, कभी तकिया भिगोयेगा
बड़े नादान हो तुम, ज़रा समझा करो बातें
गले मिल कर जो रोता है, बिछड़ कर कितना रोएगा l
के जिसको इश्क़ हो जाए भला कैसे वो सोएगा
कभी छुप छुप के रोएगा, कभी तकिया भिगोयेगा
बड़े नादान हो तुम, ज़रा समझा करो बातें
गले मिल कर जो रोता है, बिछड़ कर कितना रोएगा l