Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Jul 2021 · 1 min read

केहू फुलवा

केहू फुलवा से रहिया सजावे, केहू कांटा बिछावल करेला
चान कइसे के उतरी अँगनवा, लोग कनखी से ताकल करेला

कवनो आन्ही हो, कवनो बवण्डर, बार बांका न करि पाई ओकर
जेकरा माथे प माई के अँचरा, काल भी ओसे काँपल करेला

फोरि पइब न हमनी के घरवा, नांव लेके धरम-जाति के तूँ
ई ह गंगा अ जमुना के धारा, मइलि सब कर बहावल करेला

ए गो रँग ई हो जिनिगी के हउए, चारि दिन में तूँ घबड़ात बाड़
फूल खिलला से पहिले बगइचा, आके पतझर बहारल करेला

उनसे नेहिया लगवला से पहिले, मन में धरिह ‘असीम’ ए गो कहना
ई ह दीया के आदति पुरनकी, मीत बनि के जरावल करेला
© शैलेन्द्र ‘असीम’

1 Like · 273 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
कंचन कर दो काया मेरी , हे नटनागर हे गिरधारी
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
2703.*पूर्णिका*
2703.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मन
मन
Dr.Priya Soni Khare
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
व्यक्तिगत अभिव्यक्ति
Shyam Sundar Subramanian
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
इश्क़ में जूतियों का भी रहता है डर
आकाश महेशपुरी
बाल विवाह
बाल विवाह
Mamta Rani
*शिवजी का धनुष (कुंडलिया)*
*शिवजी का धनुष (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
कहीं फूलों के किस्से हैं कहीं काँटों के किस्से हैं
Mahendra Narayan
बचपन के पल
बचपन के पल
Soni Gupta
आधुनिक भारत के कारीगर
आधुनिक भारत के कारीगर
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
■ आज का विचार
■ आज का विचार
*Author प्रणय प्रभात*
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
सफर दर-ए-यार का,दुश्वार था बहुत।
पूर्वार्थ
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
बुढ़ादेव तुम्हें नमो-नमो
नेताम आर सी
वाचाल पौधा।
वाचाल पौधा।
Rj Anand Prajapati
अर्जक
अर्जक
Mahender Singh
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
घनाक्षरी छंदों के नाम , विधान ,सउदाहरण
Subhash Singhai
कैद अधरों मुस्कान है
कैद अधरों मुस्कान है
Dr. Sunita Singh
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
सुबह सुहानी आ रही, खूब खिलेंगे फूल।
surenderpal vaidya
पुश्तैनी दौलत
पुश्तैनी दौलत
Satish Srijan
अपार ज्ञान का समंदर है
अपार ज्ञान का समंदर है "शंकर"
Praveen Sain
१.भगवान  श्री कृष्ण  अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
१.भगवान श्री कृष्ण अर्जुन के ही सारथि नही थे वे तो पूरे वि
Piyush Goel
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
इक चितेरा चांद पर से चित्र कितने भर रहा।
umesh mehra
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
दिल से दिल को जोड़, प्रीति रंग गाती होली
Pt. Brajesh Kumar Nayak
जीवन की विफलता
जीवन की विफलता
Dr fauzia Naseem shad
दर्पण
दर्पण
लक्ष्मी सिंह
अभिव्यक्ति
अभिव्यक्ति
Punam Pande
फितरत
फितरत
Kanchan Khanna
नारी की स्वतंत्रता
नारी की स्वतंत्रता
SURYA PRAKASH SHARMA
चंद्रयान
चंद्रयान
Mukesh Kumar Sonkar
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
किसी एक के पीछे भागना यूं मुनासिब नहीं
Dushyant Kumar Patel
Loading...