केहू नइखे दुनिया में माई के तरे
केहू नइखे दुनिया में माई के तरे
■■■■■■■■■■■■■■
केहू नईखे दुनिया मेँ माई के तरे
काहेँ तूँ सतावेलऽ कसाई के तरे
जर लागे बथे कपार चाहेँ गड़े पेट
धावल जाली बैद लगे करेली ना लेट
सुनऽ भाई होली माई दवाई के तरे-
काहेँ तूँ सतावेलऽ कसाई के तरे
रहलऽ तूँ छोटी चुकी माई धोवली धूल
ओही माई खातिर तूँ बोवऽ तार शूल
तबो माई बोलेली मिठाई के तरे-
काहे तूँ सतावेलऽ कसाई के तरे
जड़वा मेँ ओढ़े खातिर रहे ना चादारा
तबो ये भाई जाड़ लागल ना ताहारा
हऽ माई के गोदिया रजाई के तरे
काहे तूँ सतावेलऽ कसाई के तरे-
केहू नईखे दुनिया मेँ माई के तरे
– आकाश महेशपुरी