केश का मोल
बहुत सुंदर रचना ?
शिवराज कसाई हो गया ,,
देखकर मुंडन को हर भाई रोया ।
समर्थन में आया एक फिल्मी नायक
बन गया शिवराज कुर्सी का खल नायक ।
कहता है हमारा मध्यप्रदेश अमेरिका से भी ज्यादा करता है विकास ,,,,
हमारे वादों को भुलाकर उनके चम्मचों का हो गया विकास ।
अब बता तू किसका है मामा ,,
मायरा करके बता ,तब समझे यह जमाना ।।
पहले भी मामा मुरली को ही खरीद लिया ,,,
क्या अब भी देखकर मुंडन को
हजामतो को खरीद लिया ।।
जिस दिन बनेगे यह शिक्षा के रखवाले शेर ,,
जब आएगी तेरे दीदार में सी एम् कुर्सी की खेर ।
अभी तो जनमानस मुंडन को देखकर रोया ,,
तू अब भी अपने घमंड में क्यों खोया ।
अब भी समय है बड़ा घमंड त्याग कर ,,
हमारा शिक्षा विभाग में सवंलियन कर।
देखा होगा, द्रोपती के खुल गए थे केश
महाभारत की राजनीती लँग गई दांवपेंच ।
अब बहनों ने मुंडन में गंवा दिए केश ,,
प्रवीण ने भी सोचा कही हो न जाए मलिन मध्यप्रदेश
✍प्रवीण शर्मा ताल
टी एल एम् ग्रुप
जिला रतलाम संचालक
तहसील ताल