केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
केशव तेरी दरश निहारी ,मन मयूरा बन नाचे
राघव मेरी अरज तिहारी, तन पपिहरा बन गाये
माधव प्रीत ब्रज बिहारी, जन कोयलिया बन कुकै
साधव सिद्ध साधे रघुरारी ,तन अवधिया बन महके
साधे सधे -सध सजे देहरी, प्रान पूजयिया बन गा ये
राधे राधे रट रटत गिरधारी , कन- कन ग्वालिन्या पूजे
✍🏻 अंजू पांडेय “अश्रु”