Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

* ——कृष्ण —*

कृष्ण तोहर,कल्पना के
बसैए छि हृदय केर द्वार
सभ धड़कनमे,बांसुरी गूँजै,
सपनाक मीठ रुुणझुन धार।

माया के चंचल छाहमे,
मोन सदिखन भटकैत हमर,
कखनो हँसीमे, कखनो नोरमे,
सदा अद्भुत अदृश्य चमत्कार।

तोहर सृष्टि अछि सारा
ई दुनियाँ आ ओकर खेल,
कृष्णक लीला आ माया,
सब हिनकमे बसैय छी, ई अद्वितीय संयोजन।

ध्यान जे, कृष्ण के
माया झुक गेल पास,
दुनियाँक ई वेद पुराण.
बुझल तखन असली आशा।

भ्रम सँ परे मोहे देखल,
कृष्ण रूपक दृश्यमान रहल,
कहियो नहि छुटे,संग तोहर
कल्पनाक भ्रममे मात्र कृष्ण भेटल |

—–श्रीहर्ष

Language: Maithili
38 Views

You may also like these posts

सुनो
सुनो
shabina. Naaz
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
हादसे जिंदगी में मेरे कुछ ऐसे हो गए
Shubham Pandey (S P)
■एक मात्रा का अंतर■
■एक मात्रा का अंतर■
*प्रणय*
होगा कोई ऐसा पागल
होगा कोई ऐसा पागल
gurudeenverma198
माँ से मिलने के लिए,
माँ से मिलने के लिए,
sushil sarna
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
जिंदगी तो पहले से बिखरी हुई थी
Befikr Lafz
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
बहुत कुछ अरमान थे दिल में हमारे ।
Rajesh vyas
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
ठहर कर देखता हूँ खुद को जब मैं
सिद्धार्थ गोरखपुरी
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
*सो जा मुन्ना निंदिया रानी आई*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
कोहरे के दिन
कोहरे के दिन
Ghanshyam Poddar
" घोंघा "
Dr. Kishan tandon kranti
प्रत्याशा
प्रत्याशा
Omee Bhargava
पाती कर दे
पाती कर दे
Shally Vij
4345.*पूर्णिका*
4345.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मैं लिखूंगा तुम्हें
मैं लिखूंगा तुम्हें
हिमांशु Kulshrestha
मेरी कविता
मेरी कविता
Jai Prakash Srivastav
25) मुहब्बत है तुमसे...
25) मुहब्बत है तुमसे...
नेहा शर्मा 'नेह'
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
सपने तेरे है तो संघर्ष करना होगा
पूर्वार्थ
बेवफ़ा
बेवफ़ा
singh kunwar sarvendra vikram
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
नहीं होता मुझपे नींद की गोलियों का असर,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
हमारे अंदर बहुत संभावना मौजूद है हमें इसे खोने के बजाय हमें
Ravikesh Jha
हिंदी लेखक
हिंदी लेखक
Shashi Mahajan
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
रमेशराज की पेड़ विषयक मुक्तछंद कविताएँ
कवि रमेशराज
प्राकृतिक सौंदर्य
प्राकृतिक सौंदर्य
Rahul Singh
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
भले ही शरीर में खून न हो पर जुनून जरूर होना चाहिए।
Rj Anand Prajapati
ग़म नहीं
ग़म नहीं
Surinder blackpen
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
*चटकू मटकू (बाल कविता)*
Ravi Prakash
हैं भण्डार भरे
हैं भण्डार भरे
महेश चन्द्र त्रिपाठी
प्रवास के दिन
प्रवास के दिन
Dr Pranav Gautam
Loading...