कृष्ण वंदना
तोटक छंद आधारित गीत)
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नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो।
हरि कृष्ण ,सुरेशम नाम जपो
बलि,देव दयानिधि जेष्ठ कहो।
रविलोचन, शंतह श्रेष्ठ कहो।
मनमोहन, विष्णु विशेष्ठ कहो।
हृद अंकित नाथ यथेष्ठ कहो।
करुणाकर श्री बल धाम जपो।
नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो।
मधुसूदन, नंदकिशोर कहो।
मुरलीधर ,माखन चोर कहो।
प्रभु दीनसखा,रणछोर कहो।
तुम हो कर भाव विभोर कहो।
मन ही मन में अविराम जपो।
नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो।
मनमोहन,सुंदर रूप धरे।
नव जीवन दे नव प्राण भरे।
क्षण में मन के सब ताप हरे ।
दुखदायक दारुण पाप टरे।
सुख सागर पूरण काम जपो।
नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो।
मथुरा पुर गोकुल के वसिया।
जगपालक हैं अचला,रसिया।
नट नागर नाग नथे कलिया।
शब पूनम रास रचे छलिया।
इस में न लगे कुछ दाम जपो।
नित ,केशव,माधव ,श्याम जपो।
-लक्ष्मी सिंह
नई दिल्ली