Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
18 Jan 2021 · 1 min read

कृष्ण भजन

भुजंगप्रयात छन्द
122 122 122 122
धुन- तुम्हीं मेरे मंदिर तुम्हीं मेरी पूजा

कृष्ण भजन

न भटकूँ कभी भी करूँ भक्ति तेरी
हमें साँवरे से लगी अब लगन है।

हमें श्याम बंशी सुरीली सुना दो।
परेशान हूँ दास अपना बना लो।
मिटा दो सभी दुख हमारे कन्हैया।
रहे मन हमारा भजन में मगन है।

न भटकूँ कभी भी करूँ भक्ति तेरी
हमें साँवरे से लगी अब लगन है।

बचाई सदा द्रौपदी लाज तुमने।
बनाया जहर श्याम अम्रत तुम्हीं ने।
जिसे पी गयी भक्त मीरा बिचारी।
हुआ फिर वहाँ भक्ति का ही असर है।

न भटकूँ कभी भी करूँ भक्ति तेरी
हमें साँवरे से लगी अब लगन है।

गिरे को उठाकर तुम्हीं ने चलाया।
अहंकार तुमने क्षणों में जलाया।
सदा भक्त को प्रभु दिया है सहारा।
करे जो तुम्हारा सदा नित भजन है।

न भटकूँ कभी भी करूँ भक्ति तेरी
हमें साँवरे से लगी अब लगन है।

यही अर्ज मेरी कन्हैया तुम्हीं से।
करूँ नाम रोशन सदा जिन्दगी में।
यही आस हो पूर्ण गिरधर हमारी।
सदा उड़ सकूँ मैं खुलकर गगन में।

न भटकूँ कभी भी करूँ भक्ति तेरी
हमें साँवरे से लगी अब लगन है।

अभिनव मिश्र अदम्य
शाहजहाँपुर, उ.प्र.

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 2 Comments · 543 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
इतनी खुबसूरत नही होती मोहब्बत जितनी शायरो ने बना रखी है,
पूर्वार्थ
रज के हमको रुलाया
रज के हमको रुलाया
Neelam Sharma
दोहे-*
दोहे-*
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🙅आज का मत🙅
🙅आज का मत🙅
*प्रणय प्रभात*
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
मतलब की इस दुनिया में वह पिता ही तो है, जो औलाद को बेमतलब प्
Ranjeet kumar patre
बीतल बरस।
बीतल बरस।
Acharya Rama Nand Mandal
एकरसता मन को सिकोड़ती है
एकरसता मन को सिकोड़ती है
Chitra Bisht
बेलपत्र
बेलपत्र
©️ दामिनी नारायण सिंह
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
ये रात है जो तारे की चमक बिखरी हुई सी
Befikr Lafz
धैर्य और साहस
धैर्य और साहस
ओंकार मिश्र
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
यदि आपके पास नकारात्मक प्रकृति और प्रवृत्ति के लोग हैं तो उन
Abhishek Kumar Singh
रोटियों के हाथों में
रोटियों के हाथों में
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
सत्ता
सत्ता
DrLakshman Jha Parimal
जो भी पाना है उसको खोना है
जो भी पाना है उसको खोना है
Shweta Soni
3651.💐 *पूर्णिका* 💐
3651.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हिम्मत एवम साहस
हिम्मत एवम साहस
मधुसूदन गौतम
अंजाम
अंजाम
Bodhisatva kastooriya
*जो कहता है कहने दो*
*जो कहता है कहने दो*
सुरेन्द्र शर्मा 'शिव'
*बता दे आज मुझे सरकार*
*बता दे आज मुझे सरकार*
Dushyant Kumar
दोहे
दोहे
अशोक कुमार ढोरिया
"मदहोश"
Dr. Kishan tandon kranti
मनभावन बसंत
मनभावन बसंत
Pushpa Tiwari
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
जितनी बार भी तुम मिली थी ज़िंदगी,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Job can change your vegetables.
Job can change your vegetables.
सिद्धार्थ गोरखपुरी
तुम भी पत्थर
तुम भी पत्थर
shabina. Naaz
विरह की वेदना
विरह की वेदना
surenderpal vaidya
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
बाकी है...!!
बाकी है...!!
Srishty Bansal
Loading...