कृष्ण खेल रहे होली बरसाने की गोरी संग
कृष्ण खेल रहे होली बरसाने की गोरी संग
बरसाने की गोरी संग बरसाने गोरी संग
कृष्ण खेल रहे होली भर भर हाथों में रंग
गोरी गोरी राधा है श्याम वर्ण के कान्हा है
कहीं कान्हा राधा है कहीं राधा कान्हा है
बौछार पिचकारी से कर रहे भर कर उमंग
कृष्ण खेल रहे होली बरसाने की गोरी संग
पीत वर्ण राधा की छटा सोहे अति अनुपम
होली के बहाने से हो रहा मिलन मधुरम
गौर वर्ण राधा के संग श्याम कर रहे हुडंदंग
कृष्ण खेल रहे होली बरसाने की गोरी संग
बरसाने बीथियों में प्रेम पौंध हो पल्लवित
हृदय से हृदय का मेल आशा है अवलम्बित
वृषभानुजा सुता निखर कर लग रही सुभंग
कृष्ण खेल रहे होली बरसाने की गोरी संग