“कृष्ण के किरदार”
मधुर प्रेम से भरा हुआ जो और शब्दों से गढ़ा गया है
प्रेम में पागल राधा देखी मीरा संग जो पढ़ा गया है
वहीं श्याम है कृष्ण रूप में महाभारत के प्रांगण में
धर्म को अक्षय बाण बनाकर प्रत्यंचा पर चढ़ा गया है
नंदबाबा यशोदा तेरा कान्हा गोपिया सुध बुध खोती देखी
पीत वस्त्र अधरों पर मुरली जब मोर मुकुट में जड़ा गया है
वहीं श्याम है कृष्ण रूप में महाभारत के प्रांगण में
धर्म को अक्षय बाण बनाकर प्रत्यंचा पर चढ़ा गया है
नागराज के फन पर नृत्य करता कहीं नटराज बना हैं
गोकुल की रक्षा हित में जो थाम के गोवर्धन खड़ा रहा है
वहीं श्याम है कृष्ण रूप में महाभारत के प्रांगण में
धर्म को अक्षय बाण बनाकर प्रत्यंचा पर चढ़ा गया है
द्वार पे जिनके खड़ा सुदामा वह कृष्ण द्वारिकाधीश बने हैं
कंठ लगाकर निर्धन ब्राह्मण मान मित्र का बढा गया है
वहीं श्याम है कृष्ण रूप में महाभारत के प्रांगण में
धर्म को अक्षय बाण बनाकर प्रत्यंचा पर चढ़ा गया है
प्रतिशोध और प्रतिकार में सृष्टि हित जब भूल गए सब
वहीं शांति दूत बना है और शांति संधि पर अड़ा रहा है
वहीं श्याम है कृष्ण रूप में महाभारत के प्रांगण में
धर्म को अक्षय बाण बनाकर प्रत्यंचा पर चढ़ा गया है
कुमार अखिलेश
देहरादून (उत्तराखंड)
9627547054