कृष्ण कन्हैया
किसी का लाला, किसी का ग्वाला,
किसी का छैला, सभी का प्यारा।
बांसुरी का दुलारा, सुदामा का यारा,
राधा का मतवाला, कृष्ण कन्हैया मथुरा वाला।।
त्रिभंगी मुद्रा, नेत्र विशाला,
साँवली सूरत, मन मोहित करने वाला।
गिरिवर का स्वामी, जन जीवन रक्षक,
दुष्टों का भक्षक, चक्र सुदर्शन धरने वाला।।
गीता गावे, अर्जुन की भूल मिटावे,
विजय सारथी, विस्वरूप धरने वाला।
गोपियों संग खेले, राधा संग झूले,
माँ यशोदा की आँखों का तारा, रसधर रास रचाने वाला।।
prAstya…