Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2024 · 1 min read

कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।

कृष्णा तेरी बांसुरी , जब- जब छेड़े तान ।
घर से दौड़ी राधिका , कर कृष्णा का ध्यान ।
जड़ चेतन संसार उस, मुरलीधर के मीत –
मंत्र मुग्ध राधा चली, कृष्णा की बन जान ।

सुशील सरना / 26-8-24

50 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
तुझमे कुछ कर गुजरने का यहीं जूनून बरकरार देखना चाहता हूँ,
Ravi Betulwala
हर किसी का एक मुकाम होता है,
हर किसी का एक मुकाम होता है,
Buddha Prakash
आखिर क्यों तू
आखिर क्यों तू
gurudeenverma198
prAstya...💐
prAstya...💐
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
#हंड्रेड_परसेंट_गारंटी
#हंड्रेड_परसेंट_गारंटी
*प्रणय*
मैं कौन हूं
मैं कौन हूं
Anup kanheri
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
नमामि राम की नगरी, नमामि राम की महिमा।
डॉ.सीमा अग्रवाल
विभजन
विभजन
Bodhisatva kastooriya
मोतियाबिंद
मोतियाबिंद
Surinder blackpen
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
देख लूँ गौर से अपना ये शहर
Shweta Soni
"कुर्सी दौड़
Dr. Kishan tandon kranti
18)”योद्धा”
18)”योद्धा”
Sapna Arora
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
यूँ तो बुलाया कई बार तूने।
Manisha Manjari
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
King88 là một cổng game bài đổi thưởng uy tín, mang đến cho
nhacai king88
स्त्री मन
स्त्री मन
Vibha Jain
समय
समय
Dr.Priya Soni Khare
" प्रिये की प्रतीक्षा "
DrLakshman Jha Parimal
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
296क़.*पूर्णिका*
296क़.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
जिज्ञासा
जिज्ञासा
Neeraj Agarwal
मुस्कुराहट के ज़ख्म
मुस्कुराहट के ज़ख्म
Dr fauzia Naseem shad
"आंखरी ख़त"
Lohit Tamta
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
काँटों ने हौले से चुभती बात कही
Atul "Krishn"
* वर्षा ऋतु *
* वर्षा ऋतु *
surenderpal vaidya
गणतंत्र
गणतंत्र
लक्ष्मी सिंह
*साम्ब षट्पदी---*
*साम्ब षट्पदी---*
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
उफ़ तेरी ये अदायें सितम ढा रही है।
Phool gufran
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
*जिंदगी की दौड़ में ,कुछ पा गया कुछ खो गया (हिंदी गजल
Ravi Prakash
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
सिंदूर विवाह का प्रतीक हो सकता है
पूर्वार्थ
सख्त बनो
सख्त बनो
Dheerja Sharma
Loading...