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22 Dec 2018 · 1 min read

कृषक,फसल/हाइकु/निमाई प्रधान’क्षितिज’

[१]
कृषक रुष्ट
बचा आख़िरी रास्ता
क्रांति का रुख़

[२]
दुःखी किसान
सूखे खेत हैं सारे
चिंता-वितान

[३]
जय किसान
न करो अनदेखा
काला विहान

[४]
वक़्त की मांग
हो कृषक-विमर्श
लीक को लांघ

[५]
प्रकृति-मित्र!
सब भूले तुमको
बड़ा विचित्र!!

[६]
पके फसल
हर्षित है कृषक
हुआ सफल

[७]
सोन-बालियाँ
पवन संग झूमें
धान के खेत

[८]
बंजर भूमि
फसल कहाँ से हो ?
हारा है वह

[९]
है अन्नदाता
वह है जगदीश
वही विधाता

[१०]
आँखों में ख्व़ाब
फसल पक रहे
ब्याज तेज़ाब!!

[११]
धान के खेत
मनवा हर लेत
आनंद देत
-@निमाई प्रधान’क्षितिज’
रायगढ़, छत्तीसगढ़
मो.नं. 7804048925

Language: Hindi
2 Likes · 284 Views
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