कृपा से हमें
कृपा से हमें आज संबल मिला
जगत तारिणी, भक्ति का बल मिला
दया सिन्धु दानव दलन तू करे
जहाँ दूर सारी थकन तू करे
क्षमा याचिका तू सुनें माँ सदा
बहे नित यहाँ प्रेम की सत हवा
शिवा-शंभु का नाम का जप करों
इसी जाप का घोर सब तप करों
निरंकार रूपम गले में कनक
हमें गुदगुदाती हँसाती झनक
कि पाजेब माँ की सुहानी लगे
महकती हमें रात-रानी लगे