कृत्रिम बुद्धि
कृत्रिम बुद्धि की आभा, मन को चमकाती है,
विज्ञान की प्रगति, जगत को सजाती है।
संगठन की ताकत, नई राह दिखाती है,
तकनीक की उपलब्धि, सबको चमकाती है।
यांत्रिक बुद्धि की कार, आकाश में उड़ती है,
रोबोटों का संसार, मानव को थोड़ा डराती है।
लेकिन क्या ये सब, सच्ची प्रगति है?
मन की समझ, क्या वास्तविक बुद्धि है?
कर रहा हैं मनुष्य, अब खुद का निर्माण,
बुद्धिमान बनना, खुद को स्वीकारात्मक बनाना।
विचारों की गति, मन की सुगति पर निर्भर है,
ज्ञान की प्राप्ति, सच्ची उन्नति का द्वार है।
कृत्रिम बुद्धि का सहारा लेकर,
सच्ची बुद्धि को खोजना हमें चाहिए।
मन की समझ, हमारी प्राथमिकता हो,
सच्ची ज्ञान की प्राप्ति को जीना हमें चाहिए।