कृतज्ञता।
मनुष्य का कृतज्ञ होना, जीवन में बहुत कुछ पा लेना। और अपने जीवन को सुखमय बनाने में सफल हो जाना ही मानव जीवन का सार है।हम चाहे कैसी भी परिस्थिति में जी रहे हो।पर हमें कृतज्ञता प्रकट करना चाहिए। उससे आपका जीवन आनंद से भर जाता है। और आप प्रकृति के नजदीक हो जाते हो। मनुष्य को हमेशा प्रकृति से ताल मेल बना कर रखना चाहिए।जब आप किसी के प्रति कृतज्ञ होगे तब आप एक जादुई शक्ति से जुड़ जाओगे। और आपको पता हो जायेगा कि मेरे बिगड़े हुए काम बनने लगे हैं।चाहे कोई भी व्यक्ति आपके साथ दुर्व्यवहार कर रहा हो,पर आप उसको धन्यवाद कहें।आप उसके व्यवहार से खुश नहीं है, और आपके मन में बदले की भावना जागृत हो गई है।तब आप धन्यवाद बोलकर उस बदले की भावना को खत्म कर सकते हो।आपके अंदर बहुत सारी ऊर्जा बिद्दमान रहती है। और आपको उस ऊर्जा के साथ आपना तालमेल रखना होगा। तभी आप जो कुछ जीवन में चाहते हो वह सब प्राप्त कर सकते हो। धन्यवाद, धन्यवाद धन्यवाद कहना सीख लो।जीवन नाटकीय ढंग से बदल जाएगा।