Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
2 Jun 2023 · 1 min read

“कूँचे गरीब के”

गरीबी की खान है,देखो जरा करीब से,
अमीरों की शान है,देखो जरा नसीब से।

दया नही आती दुनिया को गरीबों पर,
धूप ताप सहकर खेतों में हल चलाते हैं।

सर्द की रातोँ में भी ,अन्न को बचाते हैं,
अन्न को उपजाते हैं और बाजार तक पहुचाते हैं।

धूप ताप वो सहते हैं,
तब जाकर हम भोजन पाते हैं।

आराम नही वो कर पाते ,
तब जाकर अन्न उगाते हैं।

किसान अमीरों के दाता है ,
गरीब होकर भी अमीरों के पेट पालता हैं।

देखो उन्हें गौर से,दया करो उनपे,
पैसा रखकर जेब मे अन्न नही तुम पाओगे।

जब तक गरीब हाथ ना लगायेगे,
तुम भूखे ही रह जाओगे, पेट नही पल पायेंगे।

गरीब पर उपकार करो ,
उनको तुम स्वीकार करो।

वरना कुछ ना कर पाओगे ,
भूखें ही रह जाओगे।

ताकत कहा से पाओगे,
जब किसान को नही अपनाओगे।

पैसे वाले पैसा बहुत कमाओगे,
क्या पैसे को तुम खाओगे?

जो खाने को अन्न और रहने को घर तक बना देते हैं,
खुद खाली पेट और बेघर होकर भी सो जाते हैं।

“जय हो गरीबों की जय हो किसानो की”

लेखिका:- एकता श्रीवास्तव।
प्रयागराज✍️

Language: Hindi
2 Likes · 349 Views
Books from Ekta chitrangini
View all

You may also like these posts

जबसे आइल जवानी
जबसे आइल जवानी
आकाश महेशपुरी
गांव का दर्द
गांव का दर्द
अनिल "आदर्श"
बारिश की बूंदों ने।
बारिश की बूंदों ने।
Taj Mohammad
कुछ राखो नाथ भंडारी
कुछ राखो नाथ भंडारी
C S Santoshi
झूठ भी कितना अजीब है,
झूठ भी कितना अजीब है,
नेताम आर सी
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
मैं 🦾गौरव हूं देश 🇮🇳🇮🇳🇮🇳का
डॉ० रोहित कौशिक
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
कर्म योग: मार्ग और महत्व। ~ रविकेश झा।
Ravikesh Jha
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
ऐसा लगता है कि शोक सभा में, नकली आँसू बहा रहे हैं
Shweta Soni
अब ये ना पूछना कि,
अब ये ना पूछना कि,
शेखर सिंह
बचा  सको तो  बचा  लो किरदारे..इंसा को....
बचा सको तो बचा लो किरदारे..इंसा को....
shabina. Naaz
पुराना कुछ भूलने के लिए
पुराना कुछ भूलने के लिए
पूर्वार्थ
तप सको तो चलो
तप सको तो चलो
Deepali Kalra
पसीने वाली गाड़ी
पसीने वाली गाड़ी
Lovi Mishra
वक्त वक्त की बात है ,
वक्त वक्त की बात है ,
Yogendra Chaturwedi
👨🏻‍🎓वकील सहाब 👩‍💼
👨🏻‍🎓वकील सहाब 👩‍💼
Dr. Vaishali Verma
"सीख"
Dr. Kishan tandon kranti
" बस तुम्हें ही सोचूँ "
Pushpraj Anant
धार्मिक स्थलों के झगडे, अदालतों में चल रहे है. इसका मतलब इन
धार्मिक स्थलों के झगडे, अदालतों में चल रहे है. इसका मतलब इन
jogendar Singh
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
मैंने आईने में जब भी ख़ुद को निहारा है
Bhupendra Rawat
#पथकर
#पथकर
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
चुनाव
चुनाव
*प्रणय*
निर्गुण
निर्गुण
Shekhar Chandra Mitra
लहजा बदल गया
लहजा बदल गया
Dalveer Singh
उमंगों की राह
उमंगों की राह
Sunil Maheshwari
आँगन छोटे कर गई,
आँगन छोटे कर गई,
sushil sarna
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
*फूलों मे रह;कर क्या करना*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सामंजस्य
सामंजस्य
Shekhar Deshmukh
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
करुंगा अब मैं वही, मुझको पसंद जो होगा
gurudeenverma198
ऊटपटाँग
ऊटपटाँग
भवानी सिंह धानका 'भूधर'
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
4078.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
Loading...