कुसूर
भरी महफिल में हमारी वफ़ा का खून हुआ,
अपनो के ही हाथों ये दिल चकनाचूर हुआ।
नादान थी उनको अपना समझ बैठे ,
बस यही ए खुदा ! हमारा कुसूर हुआ ।
भरी महफिल में हमारी वफ़ा का खून हुआ,
अपनो के ही हाथों ये दिल चकनाचूर हुआ।
नादान थी उनको अपना समझ बैठे ,
बस यही ए खुदा ! हमारा कुसूर हुआ ।