कुल्हड वाली चाय
अपने पर इतराती है कुल्हड वाली चाय।
अपना रंग दिखाती है कुल्हड वाली चाय।
कुछ झूमी लहराती है कुल्हड वाली चाय।
प्रिय है मन को भाती है कुल्हड वाली चाय।
ओठों तक लग जाती है कुल्हड वाली चाय।
कुछ तेवर दिखलाती है कुल्हड वाली चाय।
जादू सा फूंक पाती है कुल्हड वाली चाय।
सोधी महक लगाती है कुल्हड वाली चाय।
विन्ध्य को अति ही भाती है कुल्हड वाली चाय।
विन्ध्य प्रकाश मिश्र