** कुरेदा है लफ्जो से **
कुरेदा है लफ्ज़ो से ज़ख्मो को इस क़दर
तन्हाई में रोका,आज महफ़िल में रुलाया ।।
किस्तो में जलाया जो दिल तुमने धुंआ धुंआ
जलन आज भी बाकी है इन आँखों में ।।
प्यार है मगर इकरार नही
ख़ार है मगर इनकार नही
बोलिए मत जुबां से अब
प्यार है मगर प्यार नहीं ।।
?मधुप बैरागी