Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2020 · 1 min read

” कुम्हार है हम “

देख बच्चे की बचकानियां ,
कह देते है हम ,
इसी से है सारी परेशानियां ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

बच्चे है कच्चे मिट्टी सा ,
बदले रंग जैसे बदले खरबूजा ।
ना जाने क्यों नही हमने सोचा,
इन्होंने हम मे ही अपना मार्गदर्शक – आदर्श देखा ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

क्या पता इन नादानों को ,
क्या चोरी – चकारी , क्या छल – कपट,
क्या है ये दुश्मनी भारी ।
हमने ही दिखाई इन्हे अत्याचारी,
कैसे हो गई ये भूल भारी ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

इनका मासूम हृदय था प्रेम से भरा ,
हमने ही सिखाया लेन-देन और व्यापारी ।
इन्हे क्या पता ? है क्या ये जिम्मेदारी ,
उङने से पहले हमने पंख इनकी कुतरडाली ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

मुक्त विचार वाले इनके जुबां पर ,
भर दी हमने अपनी गाली ।
भेदभाव से अंजान चरित्र में ,
भर दी हमने शक की चिंगारी ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

दुरगामी सी देखती नज़रो मे ,
धन – संपत्ति की पुलियां जोङ दी ।
सफर का आनंद लेने वाले नन्हे कदमो मे ,
प्रथम आने की होङ लाद दी ।
मासूम सवालों वाले मन मे ,
अपनी तुच्छ लालसा डाल दी ।
अरे ! भूल गए है क्या हम ,
इन ढांचों के कुम्हार है हम ।

– ज्योति

Language: Hindi
1 Like · 6 Comments · 527 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ज्योति
View all
You may also like:
लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
लोग जो पीते हैं शराब, जाकर मयखानें
gurudeenverma198
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
दोस्ती में हम मदद करते थे अपने यार को।
सत्य कुमार प्रेमी
नेताओं के पास कब ,
नेताओं के पास कब ,
sushil sarna
Independence- A mere dream
Independence- A mere dream
Chaahat
कुंडलिया छंद
कुंडलिया छंद
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
🙅आज का आह्वान🙅
🙅आज का आह्वान🙅
*प्रणय*
कुछ लोग
कुछ लोग
Shweta Soni
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - २)
Kanchan Khanna
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
फुर्सत के सिवा कुछ नहीं था नौकरी में उस। रुसवाईयां चारों तरफ
Sanjay ' शून्य'
World Environment Day
World Environment Day
Tushar Jagawat
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
अब रिश्तों का व्यापार यहां बखूबी चलता है
Pramila sultan
कभी-कभी मुझे यूं ख़ुद से जलन होने लगती है,
कभी-कभी मुझे यूं ख़ुद से जलन होने लगती है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
संगत
संगत
Sandeep Pande
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
पल्लवित प्रेम
पल्लवित प्रेम
Er.Navaneet R Shandily
There is no fun without you
There is no fun without you
VINOD CHAUHAN
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
*Relish the Years*
*Relish the Years*
Poonam Matia
"नया साल में"
Dr. Kishan tandon kranti
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
जीवन की संगत में शामिल जब होती अभिलाषाओं की डोर
©️ दामिनी नारायण सिंह
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
ठीक है
ठीक है
Neeraj Agarwal
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
अश्रु (नील पदम् के दोहे)
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
3651.💐 *पूर्णिका* 💐
3651.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
बचपन का प्यार
बचपन का प्यार
Vandna Thakur
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
असली काम तो वह है जो आप खुद पर करते हैं।
पूर्वार्थ
समझ
समझ
Dinesh Kumar Gangwar
तू ठहर चांद हम आते हैं
तू ठहर चांद हम आते हैं
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
¡¡¡●टीस●¡¡¡
¡¡¡●टीस●¡¡¡
Dr Manju Saini
स्वार्थी आदमी
स्वार्थी आदमी
अनिल "आदर्श"
Loading...