Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2023 · 1 min read

कुदरत की मार

यह कैसी विडम्बना है
कि कुदरत भी हम पर ही
जुल्मों सितम ढाती है,
शायद वो भी हमारी बेबसी का
मजाक उड़ाकर बड़ा सुकून पाती है।
ऐसा नहीं है तो फिर बताओ ये क्या हो रहा है,
बारिश के बीच रिक्शे की सीट पर बैठे
आखिर मुझे क्या मिल रहा है?
कोई सवारी जब मुझे नहीं मिल रहा है,
तब शाम का चूल्हा कैसे जलेगा
ये सोचकर भी मेरा मन कांप रहा है।
बीबी बच्चे मेरी राह देख रहे होंगे
घर पहुंचकर उनसे क्या कहूंगा?
किस मुंह से उन्हें मुँह ढांपकर,
पेट दबाकर सो जाओ कह सकूंगा?
नहीं नहीं मैं ऐसा न कर सकूंगा
न घर लौट सकूंगा।
पर इससे तो उनकी चिंता ही बढ़ाऊंगा
इसलिए ये भी न कर पाऊंगा?
थोड़ा देर से ही सही घर तो जाना ही पड़ेगा,
कुदरत के मार से अपनी जुड़ी कहानी
परिवार सुनाकर सुलाना ही पड़ेगा,
अपने आप से मुँह चुराना ही पड़ेगा,
क्योंकि जीने के लिए देखते हैं
और क्या क्या सहना पड़ेगा।

सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा उत्तर प्रदेश

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 141 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
लिखते दिल के दर्द को
लिखते दिल के दर्द को
पूर्वार्थ
रविवार की छुट्टी
रविवार की छुट्टी
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
हाथ छुडाकर क्यों गया तू,मेरी खता बता
डा गजैसिह कर्दम
मेरा सुकून....
मेरा सुकून....
Srishty Bansal
* जन्मभूमि का धाम *
* जन्मभूमि का धाम *
surenderpal vaidya
"राज़-ए-इश्क़" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
घबरा के छोड़ दें
घबरा के छोड़ दें
Dr fauzia Naseem shad
पितरों के लिए
पितरों के लिए
Deepali Kalra
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
आम पर बौरें लगते ही उसकी महक से खींची चली आकर कोयले मीठे स्व
Rj Anand Prajapati
Dr Arun Kumar shastri
Dr Arun Kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
दोहा
दोहा
गुमनाम 'बाबा'
घर की रानी
घर की रानी
Kanchan Khanna
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
If our kids do not speak their mother tongue, we force them
DrLakshman Jha Parimal
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
सूरज नमी निचोड़े / (नवगीत)
ईश्वर दयाल गोस्वामी
आया नववर्ष
आया नववर्ष
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
हद्द - ए - आसमाँ की न पूछा करों,
manjula chauhan
"आशिकी ने"
Dr. Kishan tandon kranti
मचलते  है  जब   दिल  फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
मचलते है जब दिल फ़िज़ा भी रंगीन लगती है,
डी. के. निवातिया
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
मां वो जो नौ माह कोख में रखती और पालती है।
शेखर सिंह
*मेला (बाल कविता)*
*मेला (बाल कविता)*
Ravi Prakash
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
दुनिया तेज़ चली या मुझमे ही कम रफ़्तार थी,
गुप्तरत्न
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
3-फ़क़त है सियासत हक़ीक़त नहीं है
Ajay Kumar Vimal
सावन महिना
सावन महिना
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
गाय
गाय
Dr. Pradeep Kumar Sharma
■ आज की बात...
■ आज की बात...
*प्रणय प्रभात*
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
3476🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
बहुत बार
बहुत बार
Shweta Soni
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
होठों पर मुस्कान,आँखों में नमी है।
लक्ष्मी सिंह
यार
यार
अखिलेश 'अखिल'
कविता-हमने देखा है
कविता-हमने देखा है
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...