Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 May 2018 · 1 min read

कुदरत की करिश्मा

कुदरत की करिश्मा
// दिनेश एल० “जैहिंद”

कुदरत की करिश्मा अजीब है ।।
कोई अमीर तो कोई गरीब है ।।
कोई एक निवाले को तरसता,,
तो कोई यहाँ अन्न का मुनीब है ।।

कहाँ सो गए ये सियासी लोग ।।
कहाँ गुम हो गए अमीर लोग ।।
क्या उनके दिलों में दया नहीं,,
देख ऐसा मंजर वे पिघले नहीं ।।

जीवन जीने की कैसी तरकीब ।।
न तन पे कपड़े न धन है करीब ।।
दाने-दाने को तरस रहे ये बच्चे,,
अंदर धँसे हैं इनके पेट अजीब ।।

देश की जनता ऐसे भी जीती हैं ।।
हर पल वे जख्म अपने सीती हैं ।।
कौन रहमदिल हैं कौन रहनुमा,,
ऐसे ही गमों के वे जाम पीती हैं ।।

न सिर पे छत न आस किसी की ।।
पास जो हाथ दो आस उसी की ।।
है पेट पूजा रूखा-सूखा भोजन,,
इन्हें मिली सौगात मुफलिसी की ।।

≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈≈
दिनेश एल० “जैहिंद”
10. 11. 2017

Language: Hindi
1 Like · 567 Views

You may also like these posts

कहानी घर-घर की
कहानी घर-घर की
Brijpal Singh
Crush
Crush
Vedha Singh
मेरे सवालों का
मेरे सवालों का
Dr fauzia Naseem shad
- क्या खाक मजा है जीने में।।
- क्या खाक मजा है जीने में।।
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
रातें
रातें
Kapil Kumar Gurjar
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
मुझे वो सब दिखाई देता है ,
Manoj Mahato
" क़ैद में ज़िन्दगी "
Chunnu Lal Gupta
चाँद से मुलाकात
चाँद से मुलाकात
Kanchan Khanna
कहने को तो बहुत लोग होते है
कहने को तो बहुत लोग होते है
रुचि शर्मा
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
जरूरत और जरूरी में फर्क है,
Kanchan Alok Malu
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
*जिस सभा में जाति पलती, उस सभा को छोड़ दो (मुक्तक)*
Ravi Prakash
- कुछ ऐसा कर कमाल के तेरा हो जाऊ -
- कुछ ऐसा कर कमाल के तेरा हो जाऊ -
bharat gehlot
मैंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा इसे न जीकर बर्बाद कर दिया
मैंने अपने जीवन का एक बड़ा हिस्सा इसे न जीकर बर्बाद कर दिया
पूर्वार्थ
मैं मज़दूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
Ahtesham Ahmad
एकांत ये घना है
एकांत ये घना है
Vivek Pandey
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
तुझे बनाऊँ, दुल्हन घर की
Er.Navaneet R Shandily
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
वहम और अहम में रहना दोनो ही किसी व्यक्ति के लिए घातक होता है
Rj Anand Prajapati
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
कम्प्यूटर ज्ञान :- नयी तकनीक- पावर बी आई
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
रंगोली
रंगोली
Neelam Sharma
#ख्वाहिशें #
#ख्वाहिशें #
Madhavi Srivastava
3258.*पूर्णिका*
3258.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सुलेशन छोड़ कर सलूशन ढूंढ
सिद्धार्थ गोरखपुरी
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
कौन मृदा में बसकर, रुचिकर अन्न उगाता ।
जगदीश शर्मा सहज
" वाकया "
Dr. Kishan tandon kranti
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
संवेदना कहाँ लुप्त हुयी..
Ritu Asooja
तुम वह दिल नहीं हो, जिससे हम प्यार करें
तुम वह दिल नहीं हो, जिससे हम प्यार करें
gurudeenverma198
.
.
*प्रणय*
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
55४ बां प़काश पर्व गुरु नानक देव जी का जन्म दिन
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
"जुबांँ की बातें "
Yogendra Chaturwedi
अधि वर्ष
अधि वर्ष
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
Loading...