Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
5 Sep 2023 · 2 min read

#कुत्ते

✍️

★ #कुत्ते ★

उस दिन अस्तव्यस्त धवस्त बैठा था ननकू। कंधे पर हाथ धरते हुए मैंने पूछा, “क्या हुआ मित्र!”

उसने निमिषभर मुझे देखा और फिर ग्रीवा झुका ली।

“बात कह देने से दु:ख घटता है भाई, तुम कहो मैं सुनूंगा।”

“कमलेश कमल होने में कुछ दोष नहीं है भय्या लेकिन, व्यक्ति को किंचित चेतन भगत भी होना चाहिए।”

“कमलेश कमल वही न अपने जय हिंदी वाले?”

“हूँ।”

“ऐसी कैसी विवशता आन पड़ी कि दालभात और मूसलचंद एकसाथ सहेज रहे हो ननकू।”

“विवशता नहीं भय्या, आवश्यकता”, वाणी को तनिक विश्राम देकर फिर बोला ननकू, “आप मुझे अंग्रेजी पढ़ा दीजिए भय्या।”

“ननकू, पूरी बात बताओ कि हुआ क्या है?”

“भय्या, आपसे क्या छिपाएं, जबसे कैशोर्य जाने की और यौवन आने की कह रहे हम चोरीचुपके कन्याओं को निहारा करते हैं। लेकिन, कल के दिन चमत्कार हो गया जैसे। एक षोडशी बाला हमें निहारती निहोरती पायी हमने। उसकी आँखों में आमंत्रण भी था।”

“आमंत्रण कि निमंत्रण?”

“संपूर्ण कथाव्यथा सुनने के उपरांत दोनों में से जो उचित लगे उसे रख लीजिए।”

“आगे कहो।”

“मैंने व्हाट्सएप क्रमांक मांगा, उसने दे दिया।”

“फिर?”

“रात को जब सब सो गए हमने संदेश भेजा, हम आपको कैसे लगते हैं?”

“हूँ, तो फिर?”

“उसने तुरंत उत्तर दिया, CUTE !”

“साधु साधु !”

“हमारा तो सर्वांग जल उठा। एक-एक करके पाँच-सात विपल ही बीते कि मैंने लिखा, तेरे पिता कुत्ते, तेरे अग्रज व अनुज दोनों बंधु कुत्ते, तेरी माता कुत्ती और. . .और. . .और तू भी कुत्ती!”

“घोर अनर्थ किया तूने ननकू लेकिन, फिर क्या हुआ?”

“यह कुर्ते की लटकती धज्जी यह बिखरे हुए बाल और बायां गाल लाल देख रहे हैं, आपको क्या लगता है यह सब हमने अपने हाथों किया है?”

“अब?”

“अब आप मुझे अंग्रेजी पढ़ा दीजिए।”

“ननकू, कन्या का परिवार, उस परिवार का सामाजिक व्यवहार कैसा है?”

“हीरापन्ना भंडार वालों की कन्या है।”

“ननकू, मेरी यह चार पंक्तियाँ उसे अभी भेज दे।

भिखारन से भीख मांगते बुद्धि का फेर है
समझो न इसे रात यह दासता की सवेर है
जाने क्या तूने कही और मैंने क्या सुनी
मीत तेरे मेरे बीच रीति-नीति का ढेर है

आगे जो हरिइच्छा होगी होकर रहेगा।”

और आज, अभी बाजार में था कि सामने से आती एक कन्या समीप आकर खड़ी हो गई। गले में पड़ी चुनरी को सिर पर लिया, पल्लू को माथे तक खींचा और नीचे झुककर दोनों हाथों से मेरे पाँव छुए। मैंने पूछा, “कौन?”

“जी, आपके छोटकू हैं न वो ननकू जी, हम उनकी वो हैं।”

“वो CUTE वाली?”

“नहीं जी, कुत्ते वाली!”

#वेदप्रकाश लाम्बा
यमुनानगर (हरियाणा)
९४६६०१७३१२

Language: Hindi
69 Views

You may also like these posts

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ
Shekhar Chandra Mitra
बदनाम
बदनाम
Dr. Akhilesh Baghel "Akhil"
तजुर्बा
तजुर्बा
Ragini Kumari
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
दुनिया की यही यही हकीकत है जिसके लिए आप हर वक्त मौजूद रहते ह
Rj Anand Prajapati
"अजातशत्रु"
Dr. Kishan tandon kranti
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
तू नहीं है तो ये दुनियां सजा सी लगती है।
सत्य कुमार प्रेमी
4101.💐 *पूर्णिका* 💐
4101.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ग़ज़ल
ग़ज़ल
आर.एस. 'प्रीतम'
“विश्वास”
“विश्वास”
Neeraj kumar Soni
बेरोजगार युवा
बेरोजगार युवा
Durgesh Bhatt
मैं भी डरती हूॅं
मैं भी डरती हूॅं
Mamta Singh Devaa
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
- हमारे अल्फाजों की दुनिया तुमसे शुरू तुम पर ही खत्म -
bharat gehlot
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
नाहक ही ख्वाब में जी कर क्या करेंगे ,
ओनिका सेतिया 'अनु '
जब मैं लिखता हूँ
जब मैं लिखता हूँ
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
रिश्तों का आईना
रिश्तों का आईना
पूर्वार्थ
#विषय उलझन
#विषय उलझन
Rajesh Kumar Kaurav
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
हर फूल खुशबुदार नहीं होता./
Vishal Prajapati
वो कपटी कहलाते हैं !!
वो कपटी कहलाते हैं !!
Ramswaroop Dinkar
*विरोधाभास*
*विरोधाभास*
Pallavi Mishra
आज की बेटियां
आज की बेटियां
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
बस तुमको बताना भूल गए
बस तुमको बताना भूल गए
Jyoti Roshni
मंत्र  :  दधाना करपधाभ्याम,
मंत्र : दधाना करपधाभ्याम,
Harminder Kaur
Time
Time
Aisha Mohan
अर्थ काम के लिए
अर्थ काम के लिए
महेश चन्द्र त्रिपाठी
स्त्री
स्त्री
Dr. Chandresh Kumar Chhatlani (डॉ. चंद्रेश कुमार छतलानी)
स्वयं के लिए
स्वयं के लिए
Dr fauzia Naseem shad
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
चार दिन की जिंदगी मे किस कतरा के चलु
Sampada
आज का चयनित छंद
आज का चयनित छंद"रोला"अर्ध सम मात्रिक
rekha mohan
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
*भंडारे की पूड़ियॉं, हलवे का मधु स्वाद (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
अंतरराष्ट्रीय मातृभाषा दिवस पर हार्दिक शुभकामनाएं
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
Loading...