*कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)*
कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ (कुंडलिया)
_____________________________
कुत्ते चढ़ते गोद में, मानो प्रिय का साथ
बच्चे सॅंग में चल रहे, पकड़े उॅंगली हाथ
पकड़े उॅंगली हाथ, आजकल कुत्ते प्यारे
बेटा-बेटी छोड़, दुलारे कुत्ते सारे
कहते रवि कविराय, पथिक कलियुग के बढ़ते
सीढ़ी पर ले गोद, शान से कुत्ते चढ़ते
——————————————
रचयिता: रवि प्रकाश
बाजार सर्राफा, रामपुर, उत्तर प्रदेश
मोबाइल 9997615451