Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
7 Dec 2023 · 1 min read

कुण्डल / उड़ियाना छंद

कुण्डल एवं उड़ियाना छंद
कुण्डल/उड़ियाना छंद [सम मात्रिक]
विधान – इसके प्रत्येक चरण में 22 मात्रा होती हैं,
12 – 10 पर यति होती है‌
मापनी- कुंडल – 633 , 6 2 2
मापनी – उड़ियाना 633 , 6 112

प्रत्येक चरण में पहली यति से पहले त्रिकल आवश्यक है
उपरोक्त दोनों छंदों में कुल चार चरण होते हैं,तुकांत दो-दो चरण या‌ चारों भी एक से हो सकते है
कुंडल छंद

दर्प सर्प जहां कहीं , मानव में रहता |
कटुता की बात सदा, वचनों से कहता ||
सम्मुख भी यदा कदा ,आ. जाए नहला |
सभी काम छोड़ तभी, तुम मारो दहला ||

मद से भी भरा जहाँ , चलता है हाथी |
उसको भी वहीं छोड़‌ , भागें सब साथी ||
दिखता है दर्प जहाँ ,तब सब जन भागें |
दूर-दूर‌ सभी रहे , चुपके से त्यागें ||

(मुक्तक के लिए – रहते है दूर-दूर , मिट जाती थाथी )

दिखती है खार जहाँ , समरसता रोती |
लोगों के बीज वचन , कटुता है बोती ||
लोगों के हाल सुने , हमने भी‌ लेखे |
हर पल में खीज रहे , खोट साथ देखे ||

(मुक्तक के लिए – हर पल में खीज रहे ,खोट साथ होती ||

उड़ियाना छंद

कटुक वचन जहाँ सुने, आता है सहना |
हँसकर ही सुनें कहें , सदा सहज रहना ||
धार नेह भी अपनी , सदा खर्च करना |
रार खार भी न रहे , रुकता है जलना ||

(मुक्तक के लिए तीसरी पंक्ति –
(अपनी भी धार नेह , सदा खर्च करिए )

© सुभाष सिंघई
एम•ए• हिंदी साहित्य, दर्शन शास्त्र
जतारा (टीकमगढ़) म०प्र०

आलेख- सरल सहज भाव शब्दों से छंदों को समझानें का प्रयास किया है , वर्तनी व कहीं मात्रा दोष हो तो परिमार्जन करके ग्राह करें
सादर

Language: Hindi
1 Like · 250 Views

You may also like these posts

अपूर्णता में पूर्ण है जो ,
अपूर्णता में पूर्ण है जो ,
rubichetanshukla 781
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
बहता काजल पलक से उठाने दे ज़रा ।
sushil sarna
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
3574.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
ना जाने कब समझेगा दुनिया को ये बच्चा
Dr. Mohit Gupta
मैं कौन हूँ
मैं कौन हूँ
पूनम 'समर्थ' (आगाज ए दिल)
22.Challenge
22.Challenge
Santosh Khanna (world record holder)
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
तुम्हें पाना-खोना एकसार सा है--
Shreedhar
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
ৰাতিপুৱাৰ পৰা
Otteri Selvakumar
बापक भाषा
बापक भाषा
Dinesh Yadav (दिनेश यादव)
मैं मज़ाक नही कर रहा हूं
मैं मज़ाक नही कर रहा हूं
Harinarayan Tanha
"हम स्वाधीन भारत के बेटे हैं"
राकेश चौरसिया
उरवासी
उरवासी
Rambali Mishra
वोट की राजनीति
वोट की राजनीति
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
अब किसी की याद पर है नुक़्ता चीनी
Sarfaraz Ahmed Aasee
सत्य की ख़ोज़ पर दोहे
सत्य की ख़ोज़ पर दोहे
आर.एस. 'प्रीतम'
पात कब तक झरेंगें
पात कब तक झरेंगें
Shweta Soni
Remembering that winter Night
Remembering that winter Night
Bidyadhar Mantry
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
जीवन शैली का स्वास्थ्य पर प्रभाव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
" खुशी "
Dr. Kishan tandon kranti
हो जाए
हो जाए
सिद्धार्थ गोरखपुरी
अच्छा लगता है
अच्छा लगता है
Vivek Pandey
जय जय जय महादेवा
जय जय जय महादेवा
Arghyadeep Chakraborty
- एक कविता तुम्हारे नाम -
- एक कविता तुम्हारे नाम -
bharat gehlot
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
दूर जाना था मुझसे तो करीब लाया क्यों
कृष्णकांत गुर्जर
कविता
कविता
Nmita Sharma
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
स्वामी विवेकानंद ( कुंडलिया छंद)
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
अस्तित्व की तलाश में
अस्तित्व की तलाश में
पूर्वार्थ
वक़्त  एहसास  ये  करा  देगा।
वक़्त एहसास ये करा देगा।
Dr fauzia Naseem shad
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
बस नज़र में रहा हूं दिल में उतर न पाया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*भक्ति के दोहे*
*भक्ति के दोहे*
Ravi Prakash
Loading...