कुण्डलिया- वहाटस ऐप
जीवन में बस बन गया व्हाट्स ऐप जंजाल,
कौन पडोसी क्या करे पता नहीं है हाल।
पता नहीं है हाल जमाना कैसा आया,
सिर्फ स्मार्ट ये फोन सभी के मन को भाया।
कह अशोक कविराय नहीं सुध खोया तन मन,
फोन फोन बस फोन फोन में डूबा जीवन।।
अशोक छाबड़ा 14032018