Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

कुण्डलिया

कुण्डलिया
~~
मन को हर लेते सहज, लिए बहुत वैशिष्ट्य।
कुदरत में सुन्दर कभी, बन जाते जब दृश्य।
बन जाते जब दृश्य, देखते रह जाते हम।
जल प्रपात के रूप, रंग मनभावन अनुपम।
कहते वैद्य सुरेन्द्र, भव्य प्रकृति के दर्शन।
नैसर्गिक है नित्य, खूब भाते सबके मन।
~~~~~~~~~~~~~~~
-सुरेन्द्रपाल वैद्य

13 Views
Books from surenderpal vaidya
View all

You may also like these posts

दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
दिल से बहुत बधाई है पोते के जन्म पर।
सत्य कुमार प्रेमी
दर्द
दर्द
seema sharma
ग़ज़ल
ग़ज़ल
Yogmaya Sharma
My scars are not my shame, but my strength.
My scars are not my shame, but my strength.
पूर्वार्थ
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में  मिलेगा
मंदिर में मिलेगा न शिवालों में मिलेगा
Shweta Soni
*चले गए पूर्वज जो जग से, कैसे उनको पाऍं (गीत)*
*चले गए पूर्वज जो जग से, कैसे उनको पाऍं (गीत)*
Ravi Prakash
"अकाल"
Dr. Kishan tandon kranti
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
बंदूक के ट्रिगर पर नियंत्रण रखने से पहले अपने मस्तिष्क पर नि
Rj Anand Prajapati
पर्यावरण संरक्षण
पर्यावरण संरक्षण
Pratibha Pandey
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
Khám phá thế giới cá cược tại 88BET club qua link 188BET 203
188BET 203.4
सर्दी
सर्दी
OM PRAKASH MEENA
कहे महावर हाथ की,
कहे महावर हाथ की,
sushil sarna
तोहफे में बंदूक
तोहफे में बंदूक
अरशद रसूल बदायूंनी
राज्य अभिषेक है, मृत्यु भोज
राज्य अभिषेक है, मृत्यु भोज
Anil chobisa
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
परिचय ---- नाम- अरुण कुमार मिश्र
श्रीहर्ष आचार्य
*फूलों सा एक शहर हो*
*फूलों सा एक शहर हो*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
- बेड़ीया -
- बेड़ीया -
bharat gehlot
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
मुझसे नाराज़ कभी तू , होना नहीं
gurudeenverma198
मुस्कान
मुस्कान
Neha
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना.....
ओसमणी साहू 'ओश'
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
कावड़ मैं लाऊँगा- भजन -रचनाकार -अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
तेरी यादों का
तेरी यादों का
हिमांशु Kulshrestha
..
..
*प्रणय*
प्रकृति का यौवन बसंत
प्रकृति का यौवन बसंत
PRATHVI SINGH BENIWAL
बोनूसाई  पर  दिखे, जब जब  प्यारे  सेब ।
बोनूसाई पर दिखे, जब जब प्यारे सेब ।
Neelofar Khan
ओ माँ मेरी लाज रखो
ओ माँ मेरी लाज रखो
Basant Bhagawan Roy
संवेदना बदल गई
संवेदना बदल गई
Rajesh Kumar Kaurav
तमगा
तमगा
Bodhisatva kastooriya
*SPLIT VISION*
*SPLIT VISION*
Poonam Matia
"तेरे बिन एक और साल गुज़र गया"
Lohit Tamta
Loading...