कुण्डलिया
कुण्डलिया
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कोरोना का कहर है , ऐसा ढाया चीन|
वह खल पूरे जगत की, नींद लिया है छीन|
नींद लिया है छीन , मरे हैं अगणित मानव|
चीन बना है आज ,जगत में भीषण दानव |
याद रखो संसार , पड़ा हम सबको रोना |
करना उसे न माफ , दिया है जो कोरोना ||