कुण्डलियाग
भारत रूपी वृक्ष का भगवान से प्रार्थना
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छन्द – – कुण्डलिया
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जैसा रखिये नाथ अब , दास मिला यह धूल |
माली ही अब नोचता , कली तथा सब फूल ||
कली तथा सब फूल , बेंच धन खूब कमाया |
अब तो आओ नाथ , दुष्ट डाली पर आया ||
काट दिया सब डाल , क्रूर है माली कैसा |
ठूठ खड़ा हूँ आज ,रखो अब प्रभु तुम जैसा ||
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अवध किशोर ‘अवधू’
मो. न.9918854285