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2 Feb 2021 · 1 min read

#कुछ ख़त मोहब्बत के

#कुछ ख़त मोहब्बत के

यौवन की याद दिलाते हैं , नैनों के चमन खिलाते हैं।
कुछ ख़त मोहब्बत के यारो , दिल से संभाले जाते हैं।।

कभी ख़ून से कभी फूल से , चाहत रीत सजाई ख़त में।
पीर लिखी भर नीर लिखी है , अपनी रूह बसाई ख़त में।
प्राण समझ भेजा है प्रिय को , अश्रु कहाँ पढ़ रुक पाते हैं।
कुछ ख़त मोहब्बत के यारो , दिल से संभाले जाते हैं।

विरह जलाए प्रेम बढ़ाए , मधुर मिलन को मन ललचाए।
आलिंगन के ज़श्न प्रीत में , प्रेमी मन फूला न समाए।
आँखें चार हुई मिलके जो , तम घोर उजाले पाते हैं।
कुछ ख़त मोहब्बत के यारो , दिल से संभाले जाते हैं।।

आँखों की भाषा तो ‘प्रीतम’, प्रेमीजन ही पढ़ पाते हैं।
ढ़ाई आखर प्रेम पढ़ें जो , सच्चे प्रेमी कहलाते हैं।
ख़त से बढ़कर और नहीं कुछ , ये हृदय-मर्म समझाते हैं।
कुछ ख़त मोहब्बत के यारो , दिल से संभाले जाते हैं।।

यौवन की याद दिलाते हैं , नैनों का चमन खिलाते हैं।
कुछ ख़त मोहब्बत के यारो , दिल से संभाले जाते हैं।।

#आर.एस.’प्रीतम’

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