कुछ हाइकु
हाइकु का छक्का~
1-
कैसी आग है,
वन झुलसा दिया,
जी ना अघाया |
2-
विवेकानंद,
नाम नही है खाली,
सागर है वो |
3-
तू रावण नहीं
छल किया लेकिन
न छुआ तन ||
4-
सागर सुन,
सिखा मुझे गम,
समेट लेना |
5-
हवा बसंती,
बन तू महका दे,
मेरे मन को |
6-
कूड़ा ही नहीं,
सपनो की दुनियां,
भी बीनते हैं |
स्वरचित
अमित मौर्य
+91-7849894373