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11 Jul 2024 · 1 min read

कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,

कुछ हसरतें पाल कर भी शाम उदास रहा करती है,
जैसे ख़ामोश लबों में बयां करना इसकी फितरत न हो

©️ डॉ. शशांक शर्मा “रईस”

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