Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2021 · 1 min read

कुछ स्वस्थ विचार

कुछ स्वस्थ विचार

१.

लक्ष्य भृष्ट मनुष्य को मंजिल कभी भी
नसीब नहीं होती | वह दिशाहीन व्यक्ति
की तरह यहाँ से वहां भटकता रहता है |
उसके द्वारा किये जाने वाले प्रयासों का
कोई सुअन्त नहीं होता |वह स्वयं तो
दिशाहीन होता ही है साथ ही जीवन भर
किसी दूसरे व्यक्ति को राह नहीं दिखा पाता |

२.

कर्तव्य विमुख चरित्र शून्य से शून्यतम
की ओर प्रस्थान करते हैं | इनका न तो
कोई लक्ष्य होता है न ही कोई दिशा | ये
दिशाहीन व्यक्ति की भांति अपने कर्तव्यों
से पीछा छुड़ाने में लगे रहते हैं | ये चरित्र
कभी भी सफल नहीं होते | इनका समाज
में कोई विशेष स्थान नहीं होता | ये
दुश्चरित्र की भांति विचरते रहते हैं |

Language: Hindi
Tag: लेख
3 Likes · 2 Comments · 772 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
View all
You may also like:
संघर्ष........एक जूनून
संघर्ष........एक जूनून
Neeraj Agarwal
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
डॉ अरुण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
बलिदान🩷🩷
बलिदान🩷🩷
Rituraj shivem verma
रिश्तों की रिक्तता
रिश्तों की रिक्तता
पूर्वार्थ
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
जिस इंसान में समझ थोड़ी कम होती है,
Ajit Kumar "Karn"
कोरोना और पानी
कोरोना और पानी
Suryakant Dwivedi
"मेरे नाम की जय-जयकार करने से अच्‍छा है,
शेखर सिंह
भाव गणित
भाव गणित
Shyam Sundar Subramanian
धरा और इसमें हरियाली
धरा और इसमें हरियाली
Buddha Prakash
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
स्त्रियां पुरुषों से क्या चाहती हैं?
अभिषेक किसनराव रेठे
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
टूटी ख्वाहिश को थोड़ी रफ्तार दो,
Sunil Maheshwari
*कुकर्मी पुजारी*
*कुकर्मी पुजारी*
Dushyant Kumar
सम्भाला था
सम्भाला था
भरत कुमार सोलंकी
“सत्य वचन”
“सत्य वचन”
Sandeep Kumar
आंखन तिमिर बढ़ा,
आंखन तिमिर बढ़ा,
Mahender Singh
Happy independence day
Happy independence day
Neeraj kumar Soni
ज्योतिर्मय
ज्योतिर्मय
Pratibha Pandey
■ संपर्क_सूत्रम
■ संपर्क_सूत्रम
*प्रणय प्रभात*
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
*** बिंदु और परिधि....!!! ***
VEDANTA PATEL
** स्नेह भरी मुस्कान **
** स्नेह भरी मुस्कान **
surenderpal vaidya
3311.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3311.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
"बेज़ारे-तग़ाफ़ुल"
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
समंदर है मेरे भीतर मगर आंख से नहींबहता।।
Ashwini sharma
कविता- घर घर आएंगे राम
कविता- घर घर आएंगे राम
Anand Sharma
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
आज की सौगात जो बख्शी प्रभु ने है तुझे
Saraswati Bajpai
भावनात्मक निर्भरता
भावनात्मक निर्भरता
Davina Amar Thakral
*खो दिया है यार को प्यार में*
*खो दिया है यार को प्यार में*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
तुम हमारा हो ख़्वाब लिख देंगे
Dr Archana Gupta
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
I Have No Desire To Be Found At Any Cost
Manisha Manjari
मां इससे ज्यादा क्या चहिए
मां इससे ज्यादा क्या चहिए
विकास शुक्ल
Loading...