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18 Oct 2021 · 1 min read

कुछ सलिक़े फिर भी बचाए रखो?

कितने भी गहमागहमी हो जाए? कुछ सलिक़े फिर भी बचाए रखो?
कहीं हो फिर से रिशतों का एहसास की गले मिल जाओ?
शायर- किशन कारीगर
(©काॅपीराईट)

Language: Hindi
Tag: शेर
1 Like · 173 Views
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