Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Mar 2024 · 1 min read

कुछ लोग

कुछ लोग
दरख्त का
साया होते हैं
एक सफ़र
को पड़ाव,
एक थकान
को विश्राम
देते हैं,
कुछ लोग
पानी का
झील होते हैं
किनारे पर बैठकर
जिन्हें देखना
सुकून देता है।

171 Views
Books from Shweta Soni
View all

You may also like these posts

मुझमें क्या मेरा है ?
मुझमें क्या मेरा है ?
अरशद रसूल बदायूंनी
यूं तो लाखों बहाने हैं तुझसे दूर जाने के,
यूं तो लाखों बहाने हैं तुझसे दूर जाने के,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
समस्या से समाधान तक
समस्या से समाधान तक
शिव प्रताप लोधी
The emotional me and my love
The emotional me and my love
Chaahat
सत्य की कहानी
सत्य की कहानी
Ruchi Sharma
*पत्रिका समीक्षा*
*पत्रिका समीक्षा*
Ravi Prakash
उजड़ता हुआ दिल
उजड़ता हुआ दिल
अमित कुमार
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
चमकते चेहरों की मुस्कान में....,
डॉ. दीपक बवेजा
डिजिटल भारत
डिजिटल भारत
Satish Srijan
काश, वो बचपन के दिन लौट आए...
काश, वो बचपन के दिन लौट आए...
Rati Raj
मिटते गांव
मिटते गांव
Sanjay ' शून्य'
यक्षिणी-20
यक्षिणी-20
Dr MusafiR BaithA
योग करते जाओ
योग करते जाओ
Sandeep Pande
"बिरसा मुण्डा"
Dr. Kishan tandon kranti
" हर वर्ग की चुनावी चर्चा “
Dr Meenu Poonia
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
मैं अगर आग में चूल्हे की यूँ जल सकती हूँ
Shweta Soni
उम्मीद
उम्मीद
NAVNEET SINGH
मेरे राम
मेरे राम
Sudhir srivastava
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
तुम जब भी जमीन पर बैठो तो लोग उसे तुम्हारी औक़ात नहीं बल्कि
Lokesh Sharma
जीने का अंदाज
जीने का अंदाज
Deepali Kalra
बोनूसाई  पर  दिखे, जब जब  प्यारे  सेब ।
बोनूसाई पर दिखे, जब जब प्यारे सेब ।
Neelofar Khan
*नसीहत*
*नसीहत*
Shashank Mishra
■ तो समझ लेना-
■ तो समझ लेना-
*प्रणय*
बेकद्रों की सोहबत से
बेकद्रों की सोहबत से
Chitra Bisht
तन्हाई से यु लिपटे...
तन्हाई से यु लिपटे...
Manisha Wandhare
सात जनम की गाँठ का,
सात जनम की गाँठ का,
sushil sarna
तेरे बिन
तेरे बिन
Saraswati Bajpai
- होली के रंग अपनो के रंग -
- होली के रंग अपनो के रंग -
bharat gehlot
कविता - 'टमाटर की गाथा
कविता - 'टमाटर की गाथा"
Anand Sharma
Loading...