Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
13 Jan 2024 · 2 min read

कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है

कुछ लोग होते है जो रिश्तों को महज़ इक औपचारिकता भर मानते है
उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ता सामने वाला साथ रहे ना रहे
वो बस ग़लतिया तलाशेगे आपकी और आपको छोड़ के जाने के बहाने उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा आपके emotional_damage का उन्हें कोई फ़र्क़ नहीं पड़ेगा आपके स्वाभिमान के बिखर जाने का वो बस ढूँढते रहते होगा की कैसे हम इसको ग़लत साबित करे और निकले इस रिश्ते से पीछा छूटे उनका आपसे वो इस बात की भी कोई फ़िक्र नहीं करेगे की आप उस वक्त बुरी परिस्थितीयो में है आपको शायद उनके साथ कि ज़रूरत हो
आप का आज दिन है शायद आप उनके साथ अपनी ख़ुशिया बाटना चाहते हो
उन्हें बस आपकी कमियाँ तलाशनी होगी
और ख़ुद को जस्टिफाई करना होगा की हा भई मैं इस रिश्ते से सही बन के निकला यहाँ मेरी कोई गलती नहीं थी मैं सही था बस बात ख़त्म भले वो भीतर के मन से जानते हो की ग़लतिया उनकी हो
लेकिन उन्हें ख़ुद को जस्टिफाई भी करना होगा
मैं बस इतना चाहता हूँ आपको जाना है तो बेशक जाइए जाने वाले को लाख कोशिश के बाद भी कोई नहीं रोक पाया है उल्टा बस अपना स्वाभिमान गवाया है
बस जाने से पहले ये सही ग़लत वाली परिभाषा को मत थोपिये आप दोनों इक दूसरे के लिए इक समय तक सही थे ये बात आप दोनों accept करते थे अचानक से कोई इक हर वक्त ग़लत नहीं हो जाता
सो आप आगे बढ़िए पर उसके स्वाभिमान को
बिना ठेस पहुँचाये क्यूकी शायद आपको नहीं पता
वो इंसान ज़िंदगी में सिर्फ़ स्वाभिमान ही कमाया है वो भी ख़ुद से

197 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
यह कौनसा आया अब नया दौर है
यह कौनसा आया अब नया दौर है
gurudeenverma198
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
एक छोटी सी मुस्कान के साथ आगे कदम बढाते है
Karuna Goswami
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
"मनुष्य की प्रवृत्ति समय के साथ बदलना शुभ संकेत है कि हम इक्
डॉ कुलदीपसिंह सिसोदिया कुंदन
4098.💐 *पूर्णिका* 💐
4098.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
हररोज लिखना चाहती हूँ ,
Manisha Wandhare
इंसानियत का एहसास
इंसानियत का एहसास
Dr fauzia Naseem shad
अपना पन तो सब दिखाते है
अपना पन तो सब दिखाते है
Ranjeet kumar patre
बातों में उस बात का,
बातों में उस बात का,
sushil sarna
🙅आज पता चला🙅
🙅आज पता चला🙅
*प्रणय*
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
आज़ यूं जो तुम इतने इतरा रहे हो...
Keshav kishor Kumar
नई नसल की फसल
नई नसल की फसल
विजय कुमार अग्रवाल
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
दिव्य-भव्य-नव्य अयोध्या
डा. सूर्यनारायण पाण्डेय
*पल  दो  पल ठहर तो सही*
*पल दो पल ठहर तो सही*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
शादी की बुनियाद
शादी की बुनियाद
पूर्वार्थ
शहनाई की सिसकियां
शहनाई की सिसकियां
Shekhar Chandra Mitra
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Pseudo Democracy and Monopolistic Capitalism: An In-Depth Analysis in the Present Geopolitical Scenario
Shyam Sundar Subramanian
आज जो कल ना रहेगा
आज जो कल ना रहेगा
Ramswaroop Dinkar
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
कर्मठता के पर्याय : श्री शिव हरि गर्ग
Ravi Prakash
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
अब हम उनके करीब से निकल जाते हैं
शिव प्रताप लोधी
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कांग्रेस के नेताओं ने ही किया ‘तिलक’ का विरोध
कवि रमेशराज
"फितरत"
Ekta chitrangini
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
बलात्कार जैसे घृणित कार्य की दुर्भावना भारत जैसे देश में हाव
Rj Anand Prajapati
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
जीत हार का देख लो, बदला आज प्रकार।
Arvind trivedi
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
ताउम्र करना पड़े पश्चाताप
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कल हमारे साथ जो थे
कल हमारे साथ जो थे
ruby kumari
माँ
माँ
SHAMA PARVEEN
एक  दोस्त  ही  होते हैं
एक दोस्त ही होते हैं
Sonam Puneet Dubey
मतदान
मतदान
Dr Archana Gupta
" लफ़्ज़ "
Dr. Kishan tandon kranti
Loading...