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12 Sep 2020 · 1 min read

कुछ लोगों को ऐसे भी शिकस्त देते हैं

कुछ लोगों को ऐसे भी शिकस्त देते हैं
कोई कुछ भी कहे हम मुस्कुरा देते हैं

नफ़रत की आग बुझेगी मोहब्बत की आब से
हर सिम्त चराग-ए-अमन हम जला देते हैं

जफ़ा नहीं करते हम सितमगर पे भी
अपने मुख़ालिफ़ को भी हम दुआ देते हैं

संगदिलों की हमदर्दी की हमें दरकार नहीं
हम ख़ुदा को अपना ग़म सुना देते हैं

— त्रिशिका श्रीवास्तव “धरा”
कानपुर (उ.प्र.)

4 Likes · 7 Comments · 239 Views
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